-भवन मानचित्र के लिए प्राप्त आवेदनों का समय पर निस्तारण के दिए निर्देश
गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी की अध्यक्षता बुधवार को जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण गोपेश्वर-चमोली की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें वर्तमान समय तक भवन निर्माण हेतु प्राप्त आवेदनों, स्वीकृति तथा अवशेष आवेदनों के निस्तारण, अवैध निर्माण और एसडीएम न्यायालयों में लंबित वादों की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत किए बिना प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए। सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण को शुरुआत में ही रोका जाए और अवैध निर्माण को हटाया जाए। प्राधिकरण से स्वीकृत पार्किंग निर्माण कार्यो को तेजी से पूर्ण करें। भवन मानचित्र को लेकर प्राधिकरण में जो भी आवेदन प्राप्त होते है, उन्हें निर्धारित समय से स्वीकृत करें। संयुक्त सचिव/उप जिलाधिकारी के न्यायालयों में उत्तराखंड ग्राम एवं नगर नियोजन के अंतर्गत लंबित वादों का प्राथमिकता पर निस्तारण किया जाए। प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत सड़क किनारे और नालियों में रखे निर्माण सामग्री के खिलाफ चालन की कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण की धनराशि से जनता के हित में नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न अवस्थापना सुधार, सौन्दर्यीकरण आदि के प्रस्ताव शामिल किए जाए।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण के अंतर्गत ग्रामीण निर्माण विभाग के माध्यम से चमोली गोपेश्वर मोटर मार्ग पर शहीद पार्क बैंड के नीचे पार्किंग, चमोली बाजार, पोखरी बैंड, गैस गोदाम, पपडियाणा, अभियोजन परिसर, गोविन्द घाट, जोशीमठ, पोखरी विशाल खाल जंक्शन, पोखरी गोदीबैंड, पोखरी में लोनिवि कार्यालय के समीप और उत्तराखंड पेयजल निगम को गौचर में बहुमंजिला पार्किंग निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गई है। इस वित्तीय वर्ष 2024 में जिला विकास प्राधिकरण को 143 मानचित्रों के आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें 88 आवासीय भवन और 55 अनावासीय भवन के थे। इसमें से 60 आवासीय और 30 अनावासीय परमिट जारी किए जा चुके है। जबकि 18 प्रक्रिया में, 07 आपत्ति में और 28 अस्वीकृत किए गए है। बैठक में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, ग्रामीण निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एलपी भट्ट, प्राधिकरण सहायक राकेश नेगी आदि मौजूद थे।