गोपेश्वर (चमोली)। बदरीनाथ धाम में मोबाइल धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार कर 14 नकली मोबाइल फोन और फर्जी बिल बरामद किए है। बताते चलें कि बदरीनाथ धाम में पिछले कुछ दिनों से एक बड़ा मोबाइल फोन धोखाधड़ी गिरोह काम कर रहा था। गिरोह के सक्रिय होने की भनक लगते ही बदरीनाथ पुलिस के कान खड़े हो गए। बदरीनाथ पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश के रहने वाले छह आरोपियों को धर दबोचा है। इनके पास से 14 नकली मोबाइल फोन तथा फर्जी बिल बरामद हुए है। बताया जा रहा है कि आरोपी लोगों को अपनी मजबूरी बताकर नकली या छेड़छाड़ किए हुए मोबाइल फोन ऊंचे दामों में बेचते थे।

बदरीनाथ कोतवाली थानाध्यक्ष नवनीत भंडारी ने बताया कि यह मामला  तब सामने आया जब माणागांव निवासी शशांक बिष्ट ने थाना बदरीनाथ धाम में एक लिखित तहरीर दी। तहरीर में कहा गया कि 27 मई को एक व्यक्ति ने उन्हें अपनी मजबूरी बताते हुए एक ओप्पो मोबाइल फोन 11 हजार रूपये में बेचा था और इसका बिल भी दिया था। अगले दिन फोन चलाने में दिक्कत होने पर जब फोन चेक किया गया तो पाया गया कि फोन का आईएमईआई नंबर और कंपनी फोन पर अंकित जानकारी से अलग थी। इस प्रकार उनके साथ धोखाधड़ी की गई थी। तहरीर के आधार पर कोतवाली श्री बद्रीनाथ में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने थानाध्यक्ष को तत्काल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम का गठन करने के निर्देश दिए। पुलिस टीम ने त्वरित और कुशल खोजबीन करते हुए धोखाधड़ी के गिरोह का पता लगाया। इसके तहत गहन छानबीन के बाद आईएसबीटी बदरीनाथ क्षेत्र से छह आरोपितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जय सिंह पंवार, आकाश पंवार, करन पंवार, सनी पंवार, विकास पंवार तथा रामू मोहन के रूप में हुई है। सभी आरोपी मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के बोरगांव के निवासी हैं। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि वे दिल्ली के करोलबाग स्थित गफ्फार मार्केट में फेरी वालों से अलग-अलग कंपनियों के पुराने या कम गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन बहुत सस्ते दामों में खरीदते रहे है। इसके बाद इन फोन के फर्जी बिल बनाते और इन पर ज्यादा कीमत अंकित करते थे। दूर-दराज के क्षेत्रों, खासकर धार्मिक स्थलों या पर्यटन स्थलों पर जाकर लोगों को अपनी झूठी मजबूरी बता कर वे इस काम को अंजाम देते थे। वे लोगों से यहां तक कह जाते थे कि उनकी जेब कट गई है, पर्स खो गया है, या साथी बिछड़ गए हैं। इस बहाने वे लोगों से कम दामों में (वास्तविक बिल के सापेक्ष, लेकिन खरीद मूल्य से अधिक) इन फोनों को बेच देते थे। इस तरह वे लोगों को चूना लगाकर काफी मुनाफा कमा रहे थे।

थानाध्यक्ष ने बताया कि बदरीनाथ पुलिस ने इस कार्रवाई से क्षेत्र में सक्रिय इस तरह के ठग गिरोह का फर्दाफाश होने पर पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है। आरोपियों के अन्य ठगी के मामलों में शामिल होने के संबंध में भी जांच शुरू कर दी गई है। उन्होने आम लोगों से किसी अनजान व्यक्ति से मजबूरी का बहाना बताकर या किसी भी तरह की आकर्षक पेशकश पर कोई सामान न खरीदने की अपील की है।

 

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