गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में हिमाद संस्था के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित बैठक में स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के कौशल को विकसिकत कर उन्हें स्थानीय संसाधानों पर आधारित लघु उद्यमों से स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर करने पर जोर दिया गया ताकि महिलाओं के कार्य बोझ को कम करते हुए उनकी आर्थिकी को सुधार कर उन्हें स्वाभलंबी बनाया जा सके।
हिमाद संस्था के कार्यालय में आयोजित बैठक में बोलते हुए हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि गांव स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों, सहकारिता के पदाधिकारियों, संस्था प्रतिनिधियों व विभिन्न लोककल्याणकारी विभागों के साथ समन्वयन स्थापित कर समूहों सदस्यों को स्वरोगार के अवसर प्रदान कर सकते है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन कर्णप्रयाग के माध्यम से संस्था नौटी, सोनला व कनखुल कलस्टर में स्वय सहायता समूहो, ग्राम संगठनों, कलस्टर स्तर पर महिलाओं की सहकारिताआंें का गठन कर उन्हें स्थानीय कृषि उत्पादनों, दुग्ध व्यवसाय, अन्य उद्यमों के प्रशिक्षण देकर उन्हें व्यवसायिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि आवश्यकता इस बात है महिलाओं को इन गतिविधियों के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित करना होगा।
इस अवसर पर हिमाद की समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि महिलाओं में बचत की प्रवृति शुरू से होती है साथ वह कुशल प्रबन्धक भी होती है। जरूरत इस बात की है कि महिलाओं के इस कौशल को तकनीकी ज्ञान देकर उनकी व्यवसायिक प्रबन्धन की क्षमता को बढाया जाय। जिसके लिए उनके पास स्वय सहायता समूह, ग्राम संगठन एंव सहकारिता एक अवसर है। उन्होने कहा कि चाइल्ड हैल्प लाईन के माध्यम से जरूरतमंद परिवारों की महिलाओं एव बच्चों की मदद की जा सकती है। उन्होने बैठक में चाइल्ड हैल्प लाइन, जिला बाल कल्याण समिति, समेकित बाल सुरक्षा योजना, समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। इस मौके पर नवीन बिष्ट, भरत नेगी, हेमा देवी, कल्पना जोशी, भूपेन्द्र गुसाई, भागीरथी रावत आदि ने अपने विचार रखे।