कर्णप्रयाग (चमोली)। चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लाॅक के सिमली क्षेत्र के जंगलों में तीन दिनों से लगी आग से सैकड़ों हेक्टयर वन क्षेत्र जल कर खाक हो गया है। यहां जंगलों में लगी आग से लाखों की वन सम्पदा नष्ट हो गई है। वहीं क्षेत्र में फैली धुंध से यहां छह से अधिक गांवों के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों से समस्या के समाधान की मांग उठाई है।
बदरीनाथ वन प्रभाग के सिमली क्षेत्र के सुपागढ, मोलाडी, धारडूग्री, उलाडि, कोलाडूग्री, पडियासैण, टटासू सैण, रयाल-सुमल्टा, पूडिया सैंण के जंगलों में मंगलवार को अचानक आग धधक उठी। जंगल में सूखी घास होने के चलते यहां आग ने देखते ही देखते विकराल रुप धारण कर लिया। ऐसे में तीनों से यहां वन विभाग की ओर से आग पर काबू नहीं किया जा सका है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेश डिमरी, भाल चन्द्र डिमरी, शैलेन्द्र प्रसाद और सुशील खंडूरी का कहना है कि जहां जंगलों में लगी आग से बड़े पैमाने पर वन सम्पदा जलकर खाक हो गई है। वहीं क्षेत्र में फैले धूऐं से बच्चों और बुजुर्गों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया की धुएं के चलते यहां लोगों को सांस लेने में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इधर, वन क्षेत्राधिकारी चन्द्र प्रकाश का कहना है कि सूचना मिलने के बाद आग बुझाने के प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन चट्टानी भाग पर लगी आग के चलते यहां आग पर काबू करने में दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि आग को बढने से रोकने के लिये पुख्ता इंतजाम कर दिये गये हैं।