थराली (चमोली)। आपदा और थराली कस्बे का चोली दामन का साथ है। बीते 18 जून को पिंडरघाटी में हुई तेज बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ जाने से यहां अलग-अलग स्थानों पर बनाई गई सुरक्षा दीवारों के ढह जाने से कई स्थान खतरे की जद में आ गये हैं। थराली नगर पंचायत क्षेत्र में रहने वाले लगभग 250 के आसपास अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक उनके परिवारों के साथ ही थराली बाजार के एक बड़े हिस्से को खतरा उत्पन्न हो गया है। साथ ही शिव मंदिर सहित पिंडर नदी पर बने हुए पुल के दोनों ओर के बाजार खतरे की जद मे आ गए है।

पिंडर नदी पर बनी थराली कस्बे के लिए बाढ़ सुरक्षा की दीवार के टूट जाने से थराली नगर पंचायत के थराली कस्बे को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है।  बता दें कि इस दीवार का निर्माण  वर्ष 2013 की प्राकृतिक आपदा और पिंडर नदी में आए जलजले से थराली कस्बे से लगे दोनों छोर को काफी नुकसान हुआ था। यहां लगभग 200 से अधिक आवासीय भवनों सहित थराली बाजार के एक बड़े हिस्से को भी काफी नुकसान पहुंचा था।  बाद में वर्ष 2014 में यहां  सिंचाई विभाग के माध्यम से 2.5 करोड़ रुपये की लागत से सुरक्षा दीवार का निर्माण कराया गया था। अब पुनः गत 18 जून को अचानक ही पिंडर नदी के बड़े हुए जलस्तर ने इस दीवार को कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिस कारण यहां एक बार फिर से भूस्खलन एवं भू धसाव की आशंका उत्पन्न हो गई है। स्थानीय निवासी रमेश चंद्र थपलियाल  ने इस संबंध में उप जिलाधिकारी थराली के माध्यम से जिलाधिकारी को पत्र भेज कर बाढ़ सुरक्षा निर्माण दीवार की मरम्मत एवं भविष्य में इस दीवार की जैकेटिंग करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पूर्व में वर्ष 2018 में स्थानीय लोगों की मांग पर तत्कालीन प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से अपने देवाल विकास खण्ड के लोहाजंग भ्रमण के दौरान यहां दीवार बनाए जाने की घोषणा भी की थी। लेकिन विभागीय स्तर पर कार्रवाई न हो पाने के कारण दीवार का निर्माण नहीं हो पाया था। उप जिलाधिकारी थराली सुधीर कुमार का कहना है कि शीघ्र ही सिंचाई विभाग एवं लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम से दीवार का सर्वेक्षण कराया जाएगा, सर्वेक्षण रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी जाएगी।  वही सिंचाई खंड के अधिशासी अभियंता  अनूप कुमार ड्यूडी का कहना है कि  माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार यहां दीवार बनाये जाने के लिए 3.78 लाख  स्वीकृत हुए है। जिसका प्रोजेक्ट बना कर भेज दिया गया है। बरसात समाप्त होने के बाद यहां  कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

 

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