जोशीमठ (चमोली)। लंबे समय से विश्व धरोहर फूलों की घाटी में अपेक्षाकृत कम वर्षा होने से यहां खिलने वाले फूलों पर इसका विपरित प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है। जहां अब तक यहां 120 से अधिक प्रजाति के फूल खिल जाते थे, वहीं अभी नाममात्र के फूल ही खिले होने से पर्यटक भी मायूस लौट रहे है। हालांकि फूलों की घाटी जाने वाले पर्यटकों की तादात में कोई कमी नजर नहीं आ रही है।
एक माह से विश्व धरोहर फूलों की घाटी में बारिश न होने से फूलों की घाटी में फूलो पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, हालांकि फूलो की घाटी में पर्यटको का आने का सिलसिला जारी है समय पर बारिश न होने से सौ से अधिक प्रजाति के फूल फूलों की घाटी में नही खिल पाये है। पहले तक अबतक घाटी 120 से अधिक प्रजाति के फूलों से गुलजार रहती है इस साल मात्र दर्शनभर फूल ही समय से पहले खिल गए थे और बारिश न होने से ये फूल भी मुरझाने लगे है। इस साल फूल पर्याप्त मात्रा अभी तक न खिलने से पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है। फुलो की घाटी को इस साल वर्षा से इंतजार है।
फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते है। इस साल एक माह से फुलो की घाटी में बारिश समय से होने और प्रचण्ड गर्मी के चलते फूल नही खिल पाये है।
वन क्षेत्राधिकारी फूलों की घाटी रेंज बृज मोहन भारती का कहना है कि फूलों की घाटी में इस साल एक माह से बारिश नही हुई है। बारिश न होने से सूखे जैसे हालात है। जिसके चलते फूलों की घाटी में इस समय पर खिलने वाले फूल नही खिल पाये है, पिछले साल तक अबतक घाटी 120 से 130 प्रजाति के फूल खिल जाते थे, इस साल अभी एक माह से बारिश न होने और गर्मी के चलते इस साल केवल दर्जनभर ही फूल खिले है।