जोशीमठ  (चमोली)। चमोली जिले के हेलंग में 15 जुलाई को हुए घसियारी प्रकरण पर रविवार को विभिन्न राजनैतिक संगठनों ने हेलंग में जुलूस प्रदर्शन कर एक जन सभा की जिसमें सरकार से मामले में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग की गई।

बता दें कि बीते 15 जुलाई को जोशीमठ-हेंलग में घास काट कर घर ले जा रही कुछ महिलाओं के साथ पुलिस और सीएसएफ के जवानों की ओर से घास छिनने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद पूरे उत्तराखंड में इसको लेकर चमोली जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, टीएचडीसी के साथ ही सरकार की छिछलेदारी हो रही है। इस प्रकरण को लेकर राजनैतिक दलों ने 24 जूून को हेलंग कूच का कार्यक्रम तय किया था। इसी के तहत रविवार को ग्रामीणों के साथ ही राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हेलंग पहुंच कर सरकार, जिला प्रशासन और टीएचडीसी के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया तथा एक जनसभा भी की।

जन सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि यह आंदोलन महिलाओं के साथ हुए अभ्रदता के साथ पुलिस और सीएसएफ के जवानों जिन्होंने महिलाओं के साथ अभ्रदता की उनके खिलाफ कार्रवाई किये जाने को लेकर है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि इस प्रकरण की जांच उच्च न्यायालय के रिटार्यड जज से की जानी चाहिए यह मांग भी इस आंदोलन की ओर से की जा रही है। उन्होंने कहा कि जंगलों के ग्रामीणों का हक छिना जा रहा है ऐसे में सरकार की पशुपालन की नीति कैसे कारगर होगी कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने इस बात को भी उठाया कि घसियारी महिलाओं के साथ डेढ साल की बच्ची को हिरासत में लिया जाना कौन सा न्याय है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मामले की जांच से पूर्व चमोली के जिलाधिकारी को भी हटाया जाना चाहिए क्यों कि मामले में वह भी संदेह के घेरे में है और जब तक वह जिलाधिकारी के पद पर यहां बने रहेंगे तब तक सही जांच भी संदेह के घेरे में है। इसलिए जांच से पूर्व जिलाधिकारी को भी यहां से हटाया जाना चाहिए।

भाकपा माले के अतुल सती ने कहा कि जल विद्युत निर्मात्री कंपनियां ग्रामीणों पर प्रशासन और शासन की सह पर दादागिरी कर रही है। यही कारण है कि घास काट कर ले जा रही महिलाओं के साथ अभ्रदता की गई। और प्रशासन मौन बना रहा। जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिह नेगी ने कहा कि स्थानीय लोगों उनका हक मिलना चाहिये। यह केवल मंदोदरी देवी का मामला नही है पूरे उत्तराखंड की महिलाओं के अस्मिता का सवाल है। ग्रामीणों का आधे अधिक कार्य जंगलों से जुडा हुआ है। घास, चारापति से भवन निर्माण की सामग्री जंगलां पर ही निर्भर है ऐसे में उनके हकों को दरकिनार करना सरकार की और प्रशासन की मंशा पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी मनमाने तरीके से डंपिंग जोन बना रही है जिससे पूरा मक्क नदियों में प्रभावित हो रहा है। आने वाले दिनों में यह मक्क बड़ी आपदा को जन्म दे सकता है इसलिए परियोजनाओं के कर्ताधर्ताओं पर भी लगाम लगनी चाहिए। जुलूस प्रदर्शन में जिसमें सीपीआई, सीपीआई एमएल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी आईसा सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद थे। जन सभा को जगदीश कुनीयाल, विनोद जोशी, मदन मोहन चमोली, शिवानी पांडे, अतुल सती, भवानी देवी, राजेश्वरी देवी, कमला देवी आदि ने संबोधित किया।

 

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