गोपेश्वर (चमोली)। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, पुलिस अधीक्षक चमोली सर्वेश पंवार के निर्देश पर बुधवार को चमोली जिले के सभी उपनिरीक्षकों को आई-आरएडी  (इंटेलिजेंट रोड एक्सीडेंट डाटा सिस्टम) का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण पुलिस कार्यालय सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें आई-आरएडी एप के प्रबंधक दीपक सिंह रावत ने उपनिरीक्षकों को विभिन्न तकनीकी पहलुओं और इस एप्लिकेशन के उपयोग के महत्व के बारे में जानकारी दी।

आई-आरएडी योजना का उद्देश्य

आई-आरएडी योजना भारतीय सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने और उनकी गंभीरता को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एक तकनीकी समाधान है, जो पुलिसकर्मियों को दुर्घटनाओं के डेटा संग्रहण, विश्लेषण और प्रबंधन में सहायता करता है। इस एप के माध्यम से पुलिस अधिकारी न केवल दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगा सकते हैं, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम भी उठा सकते हैं।

प्रशिक्षण का महत्व

प्रशिक्षण सत्र में उपनिरीक्षकों को बताया गया कि आई-आरएडी एप का सही उपयोग करके वे किस प्रकार दुर्घटनाओं से संबंधित डेटा को समय पर एकत्रित कर सकते हैं। इस एप्लिकेशन के जरिए जानकारी को डिजिटल रूप से दर्ज किया जा सकता है, जिससे प्रक्रिया तेजी से होती है और रिपोर्टिंग में पारदर्शिता बढ़ती है। इसके अलावा, यह एप नागरिकों को भी दुर्घटनाओं की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है, जिससे पुलिस को तत्काल प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है।

दुर्घटनाओं की रोकथाम के उपाय

इस तरह के प्रशिक्षणों के जरिए पुलिसकर्मियों की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण में बताया गया कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना, सड़क से संबंधित नियमों का पालन करवाना है।

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