देवाल (चमोली)। आजादी के दशकों के बाद भी जब ग्रामीण मूलभूत सुविधाओें की बाट जोह रहे हों तो ऐसे में विकास का नारा खोखला ही नजर आता है। देवाल विकासखंड का सबसे दूरस्थ गांव के बलाण में अभी तक मोटर सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है। ऐसे में इस गांव में विकास की क्या स्थिति होगी स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है। आज भी ग्रामीण गांव के रोगियों और गर्भवती महिलाओं को पालकी में बैठा कर मोटर सड़क तक लाना और ले जाना उनकी मजबूरी बन गई है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीण अपनी सुविधाओं को लेकर मांग नहीं उठाते लेकिन सरकार जब उनकी सुन ही नहीं रही तो तब भला ऐसे में क्या किया जा सकता है।

बलाण गांव के उप प्रधान विरेन्द्र राम ने बताया कि गांव के पूर्व 62 वर्ष के बुद्धि राम  का कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें इलाज के लिए देहरादून ले जाया गया। इलाज के बाद जब शनिवार को देहरादून से वापस लौटे तो सड़क न होने के कारण गांव के कुंवर राम पाल, आलम राम, दिनेश, राहुल कुमार, मदन राम, पुष्कर राम, भवानी राम  आदि ने डोलीधार से गांव तक चार किलोमीटर पैदल चल गांव पहुंचा। यही नहीं गांव तक पहुंचने के लिए बीच में भ्यूकानीगोन और घटगाड में पुल होने पर ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

वलाण गांव की प्रधान कविता देवी और उपप्रधान विरेन्द्र राम का कहना है कि बेटी की शादी में बेटी को, रोगियों और गर्भवती महिलाओं को हमेशा गांव के लोग कुर्सी की पालकी बना कर सड़क मार्ग तक पहुंचाना आदतसी बन गई है। सरकार से लगातार गधेरे में पुल और चार किमी सड़क बनाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!