कर्णप्रयाग (चमोली)। वन विभाग को बीते वित्तीय वर्ष में मिली लीफ ब्लोअर मशीनें इस साल वर्किंग में आ गई है। जिससे आग की घटनाओं में कमी आने की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग के अफसरों का मानना है कि लीफ ब्लोअर मशीन आग की घटनाओं को रोकने के लिए एक प्राथमिक उपचार की तरह है।

जंगलों की आग पारिस्थितकी तंत्र के साथ ही पर्यावरण के लिए खतरा बनती जा रही है। वन विभाग के तमाम प्रयास, सरकार और सामाजिक संस्थाओं के तमाम जागरूकता कार्यक्रम भी आग की घटनाओं पर पूर्णतः अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। ऐसे हरी झाड़ियों के सहारे आग बुझाने वाले वन विभाग को लीफ ब्लोअर मशीन भी मददगार मानी जा रही है। आटागाड़ रेंज के वन दारोगा प्रकाश सिंह नेगी का कहना है कि लीफ ब्लोअर मशीन की मदद से संवेदशनशील और चीड़ के जंगलों में रास्तों से पिरूल हटाया जा रहा है। यही नहीं फायर लाइन काटने में भी ब्लोअर मशीन मददगार बन रही है। बताया पहले यह काम श्रमिकों के भरोसे किया जाता था लेकिन अब यह काम तेजी से किया जाता है। जिससे आग को फैलने के साथ ही आग की घटनाओं में भी कमी लाने में सहायक साबित हो रही है।

इधर, बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे का कहना है कि लीफ ब्लोअर मशीन बीते वित्तीय वर्ष में मिल चुकी थी। जो इस वर्ष फायर सीजन की शुरूआत में प्रत्येक रेंज में एक मशीन दे दी गई थी। डीएफओ ने बताया कि मशीन की मदद से आग की घटनाओं में कमी आई है।

 

अज्ञात के खिलाफ केस

बदरीनाथ के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि वन प्रभाग में आग की घटना होने पर एक अज्ञात के खिलाफ तहरीर चमोली थाने में दी गई है। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। दुबे ने बताया कि आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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