जोशीमठ (चमोली)। नीती घाटी को यातायात से जोड़ने वाले मलारी हाईवे का सुधारीकरण कार्य मंगलवार को दूसरे दिन भी शुरु नहीं हो सका है। यहां रैंणी गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थाई पुर्नवास होने तक ग्रामीणों के अस्थाई पुर्नवास की व्यवस्था करने की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि पुर्नवास की व्यवस्था होने तक हिल कटिंग कार्य शुरु नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि बीती 13 जून को ऋषिगंगा नदी का जल स्तर बढने से रैंणी गावं के निचले हिस्से में हुए कटाव से मलारी हाईवे को करीब 40 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया था। जबकि रैंणी गांव में स्थित गौरा देवी स्मारक के साथ ही यहां ग्रामीणों के आवासीय भवन भी भूस्खलन की जद में आ गये थे। सड़क के ध्वस्त होने से नीति घाटी में वाहनों की आवजाही बाधित हो गई थी। ऐसे में जब मंगलवार को बीआरओ के मजदूर और दो मशीनें हिल कटिंग कार्य करने के लिये मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने भूस्खलन जोन के शीर्ष मौजूद गांव के स्थाई पुर्नवास होने तक अस्थाई पुर्नवास की मांग को लेकर हिल कटिंग कार्य रोक दिया। जिस पर मंगलवार को ग्रामीणों की ओर से कार्य रोकने की सूचना मिलने पर संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, तहसीलदार चंद्रशेखर वशिष्ठ व नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी मौके पर पहुंचे। जहां पूरे दिन हुई वार्ता देर शाम बिना सुलह के खत्म हो गई है। ऐसे में यहां दूसरे दिन भी सड़क निर्माण का कार्य शुरु नहीं हो सका है। रैंणी वल्ली के ग्राम प्रधान दीपक राणा का कहना है कि ग्रामीणों के विस्थापन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों की ओर से स्थाई पुर्नवास से पूर्व अस्थाई पुर्नवास की मांग की जा रही है।
आपदा क्षेत्र रैंणी के ग्रामीणों के अस्थाई आवास की व्यवस्था जीआईसी तपोवन में की जा रही है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर बुधवार से सड़क निर्माण कार्य शुरु करवा दिया जाएगा।
नंद किशोर जोशी, आपदा प्रबंधन अधिकारी, चमोली।
हाईवे को सुचारु करने के लिये मंगलवार को दो मशीनों के साथ मलारी में मजदूरों की तैनाती की गई। लेकिन ग्रामीणों के के चलते हिल कटिंग कार्य शुरु नहीं हो सका है।
कर्नल मनीष कपिल, कमांडर, बीआरओ, जोशीमठ।