गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के दशोली विकासखंड के गंगोल गांव में 10 साल बाद सकलेश्वर रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला के तीसरे दिन के प्रसंगों में सीता स्वयंवर और परशुराम-लक्ष्मण संवाद सहित विभिन्न दृश्यों को मंचित किया गया। रामलीला के प्रति आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन दिनों पहाड़ों में रात्रि को ठिठुरन वाली ठंड के बाबजूद भी गंगोलगांव, सगर, ग्वाड, सहित आसपास के ग्रामीण भारी संख्या में रामलीला देखने पहुंचे।
रामलीला के प्रसंग में जनक के संकल्प के अनुसार भगवान शिव के पुराने धनुष को जो तोड़ेगा उसी के साथ सीता का विवाह होगा। इस प्रतिज्ञा पर देश देश के राजा महाराजा धनुष तोड़ने आते हैं। पर असमर्थ हो जाते हैं। लंकापति रावण और बाणासुर भी इस स्वयंवर में आते हैं। रावण धनुष तोड़ने का प्रयास करता है लेकिन तब तक रावण को आकाशवाणी होती है कि तेरी बहिन कुम्भिका को मधुदेत्य चुरा ले गया है । रावण तुरन्त लंका चला जाता है। गुरु विश्वामित्र की आज्ञानुसार भगवान धनुष तोड़ते हैं संकल्प के अनुसार प्रतिज्ञा पूरी होने पर भगवान राम और सीता जी एक दूसरे पर वरमाला डालने कर परिणय सूत्र में बंधते हैं। तभी शिव भक्त परशुराम जनक के दरबार में आते हैं और अपने गुरु का धनुष का खडित हुये देख कर क्रोधित हो जाते हे। पहले राम और परशुराम का संवाद और फिर परशुराम के क्रोध को देखकर लक्ष्मण का क्रोधित होना परशुराम और लक्ष्मण के सुन्दर आकर्षक अभिनय और जोर दार संवाद ने दर्शकों को बांधे रखा। राम, लक्ष्मण, सीता, परशुराम, जनक, सुनैना, विश्वामित्र समेत सभी पात्रों ने अपने अभिनव से दर्शकों को खूब लुभाया।