गोपेश्वर (चमोली)। जिले के दशोली ब्लाॅक के प्राथमिक विद्यालय सेंडुंगरा में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग पूरी ना होने पर शनिवार को अभिभावक संघ और अभिभावकों ने अपने बच्चों को तब तक स्कूल न भेजने का फैसला लिया है जब तक कि स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती है।

पूरे देश में उत्तराखंड नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला प्रदेश बना है, लेकिन शिक्षा को लेकर धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। चमोली जिले के अधिकांश स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती को लेकर अभिभावक और छात्र आंदोलन कर रहे है। ऐसे ही दशोली ब्लाॅक के सेंडुंगरा गांव के अभिभावक भी लंबे समय से प्राथमिक विद्यालय में अध्यापकों की तैनाती की मांग करते आ रहे है लेकिन उनकी बात को कोई सुनने वाला नहीं है।

अभिभावक संघ के अध्यक्ष राजदीप फरस्वाण का कहना है कि विगत तीन वर्षों से स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे चल रहा है। स्कूल में लगभग 30 बच्चे पढ़ते हैं और इस स्कूल में लगभग तीन ग्राम पंचायतें शामिल है। जिलाधिकारी शिक्षा अधिकारी से कई बार अपने बच्चों के भविष्य को लेकर पत्राचार किया, गुहार लगाइर्, लेकिन वर्तमान समय में भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल न भेजने के निर्णय तक पहुंच चुके हैं अभिभावकों का कहना है कि अगर प्रशासन की ओर से यहां पर शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया जाता है तो तब तक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

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