गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला के जोशीमठ विकास खंड के मारवाड़ी-थैंग सड़क निर्माण के लिये पीएमजीएसवाई की ओर से अधिग्रहित नाप भूमि का 13 वर्षों बाद भी मुआवजा नहीं मिल सका है। जिसके चलते यहां ग्रामीणों में विभागीय कार्य प्रणाली को लेकर नाराजगी बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की ओर से चांई के ग्रामीणों का भुगतान कर दिया गया है। लेकिन थैंग के ग्रामीणों के भुगतान नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर अधिकारी मामले में बजट की कमी का रोना रो रहे हैं।

जोशमीठ ब्लॉक के दूरस्थ गांव थैंग को यातायात से जोड़ने के लिये वर्ष 2008 में 13.98 किमी मारवाड़ी-थैंग सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसे यहां पीएमजीएसवाई की ओर से बड़े पैमान में पर चांई और थैंग के ग्रामीणों की नाप भूमि का अधिग्रहण किया गया। लेकिन लम्बे समय तक मुआवजे भुगतान न होने पर चांई गांव के ग्रामीणों की ओर आंदोलन करने के बाद विभाग की ओर से चांई के ग्रामीणों की भूमि के मुआवजे का भुगतान किया गया। लेकिन वर्तमान तक विभाग की ओर से थैंग गांव के 25 ग्रामीणों की नाप भूमि के मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। स्थानीय निवासी बलवंत सिंह नेगी, उदय सिंह फरस्वाण और चंद्र मोहन सिंह का कहना है कि नाप भूमि के अधिग्रहण के बाद से लागातार जन प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारी और जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की जा रही है। लेकिन वर्तमान तक मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है।

 

मारवाड़ी-थैंग सड़क के अधिग्रहीत नाप भूमि के शेष भुगतान के लिये 1.25 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृति के लिये शासन को भेजा गया है। लेकिन वित्तीय स्वीकृति न मिलने से भुगतान नहीं किया जा सका है। मामले में उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है। स्वीकृति मिलते ही ग्रामीणों का भुगतान करवा दिया जाएगा।

दीपक कुमार, अधिशासी अभियंत, पीएमजीएसवाई, गोपेश्वर-चमोली।

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!