गोपेश्वर (चमोली)। हुनर किसी का मोहताज नहीं। यदि मनुष्य कुछ कर गुजरने की ठान ले तो उसके राह में कोई रूकावट पैदा नहीं कर सकता है। ऐसे ही एक कलाकार है पोखरी विकास खंड के भिकोना गांव के सुरेश लाल जो रेत, बजरी, सीमेंट और सरिया से देवी-देवताओं के साथ अन्य प्रकार की मूर्तियों को अपने हाथों से जीवंत रूप दे रहे है। जो क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए है।

भिकोना गांव के सुरेश लाल अपने घर पर ही मृर्ति बनाकर स्वरोजगार के जरिये अपने आर्थिकी को मजबूत कर रहे है। वे बताते है कि उन्होंने मूर्ति कला का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है। उन्होंने कलेंडरों में बनी देवी देवताओं की मूर्ति से प्रेरित होकर स्वयं ही रेत, बजरी और सीमेंट से इसको तैयार करने का मन बनाया। पहले पहल तो मूर्तियां उतनी आकर्षक तो नहीं बन पायी लेकिन लगातार प्रयास के बाद अब वे अब सुंदर मूर्तियों को तैयार कर रहे है। वर्तमान में वे शिव पार्वती के साथ ही अन्य प्रकार की 13 मूर्तियों को बनाने में जुटे हुए है। उन्होंने बताया कि उनके ही क्षेत्र के एक व्यक्ति ने उन्हें इन मूर्तियों को बनाने की डिमांड दी है। जिनकों बनाने में उन्हें एक माह का समय लग गया है। हालांकि मूर्तियों को बनाने में काफी लागत आ रही है लेकिन वे खुश है कि उनकी कला को परखा गया है और  इससे उन्हें और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिले रही है।

सुरेश लाल का कहना है कि हमारे पहाड़ में कई लोगों के अंदर कई प्रकार की कला छीपी हुई है लेकिन सही मंच और आर्थिक सहयोग न मिलने के कारण प्रतिभा आगे नहीं आ पा रही है। उन्होंने सरकार से अपेक्षा की है कि वह हस्तशिल्प को बढ़ावा देते हुए ऐसे हुनरबाजों को आगे लाने के लिए ठोस नीति बनाये। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में ही लोग पहाड़ से पलायन कर रहे है। यदि यहीं पर युवाओं को उनकी प्रतिभा के अनुसार रोजगार दिया जाए अथवा आर्थिक सहयोग मिले तो पलायन को भी रोका जा सकता है और युवाओं को स्वरोगार से भी जोड़ा जा सकता है।

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