-सात सौ से अधिक तीर्थयात्री एवं स्थानीय श्रद्धालु रहे मौजूद

गोपेश्वर (चमोली)। पंच केदारों में प्रसिद्ध द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए  बुद्धवार  को प्रातः  साढ़े आठ बजे विधि-विधान और पूजा अर्चना के बाद बंद हो गये है। कपाट बंद होने के समय सात सौ से अधिक तीर्थयात्री एवं  स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे। 

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भगवान श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने पर शुभकामनाएं  दी है बताया कि श्री मदमहेश्वर यात्रा को सुगम बनाने के लिए मंदिर समिति प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बंद होने के साथ  ही इस यात्रा वर्ष 2023 का समापन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  प्रेरणा-मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में  रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्री हेमकुंट साहिब को सहित उत्तराखंड चारधाम में यात्रा वर्ष 2023 में 56 लाख तीर्थयात्री धामों में दर्शन पहुंचे है। जो कि पिछले वर्ष से 10 लाख अधिक हैं। श्री केदारनाथ 19 लाख 61 हजार, श्री बदरीनाथ धाम 18 लाख 40 हजार श्रद्धालु पहुंचे। विषम भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद 13 हजार श्रद्धालु  मदमहेश्वर मंदिर तथा पहली बार   एक लाख छत्तीस हजार श्रद्धालु तृतीय केदार श्री तुंगनाथ पहुंचे है।

कपाट बंद होने से पूर्व सुबह तक मदमहेश्वर मंदिर खुला भगवान मदमहेश्वर  जी की  अभिषेक जलाभिषेक पूजा हुई। साढ़े सात बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहे उसके पश्चात पुजारी बागेश लिंग ने कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू की  भगवान शिव एवं भैरव नाथ, की  पूजा- अर्चना संपन्न हुई। भगवान मदमहेश्वर के स्यंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया स्थानीय फूलों-शुष्क पुष्पों राख से ढ़क दिया। इसके बाद  मदहेश्वर की चलविग्रह डोली के सभामंडप से बाहर आते ही साढे आठ बजे श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये। भगवान मदमहेश्वर जी की चलविग्रह डोली ने  भगवान मदमहेश्वर जी के  मंदिर भंडार तथा पूजा तथा भोग के  तांबे पीतल धातु निर्मित पुरातन वर्तनों का निरीक्षण किया। कपाट बंद होने के बाद मंदिर की परिक्रमा करते हुए श्री मदहेश्वर जी की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए प्रस्थान हुई। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, मृत्युंजय हीरेमठ, सूरज नेगी, दिनेश, बृजमोहन, संदीप नेगी, बृजमोहन कुर्मांचली आदि मौजूद थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया श्री मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली आज  22 नवंबर को गौंडार गांव पहुंचेगी। 23 को राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी। 24 को गिरिया तथा 25 नवंबर को चल विग्रह डोली पंच केदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी इसके साथ श्री मदमहेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं शुरु हो जायेंगी। 25 नवंबर को उखीमठ  में  मुख्य रूप से श्री  मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा।

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