देहरादून। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ और राष्ट्र की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सफल प्रगतशिील यात्रा को मनाने की भारत सरकार की एक पहल है।  इस देशव्यापी जन अभियान ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा हिन्दी पखवाड़े के दौरान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होटल हॉली-डे-होम, शिमला के सभागार में किया गया। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने गीता कपूर निदेशक(कार्मिक) और एसपी बंसल निदेशक (सिविल) की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। सरकार की ओर से जारी कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों की अनुपालन करते हुए आयोजित किया गया। नन्द लाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार एसजेवीएन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हुए राष्ट्र की सांस्कृतिक एवं साहित्यिक धरोहर को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रहा है। इसी श्रृंखला में हिन्दी पखवाड़े के दौरान आयोजित किए जा रहे इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का उद्देश्य सांस्कृतिक एवं भाषिक विकास के लिए एक सुदृढ़ मंच प्रदान करते हुए राजभाषा हिन्दी का विकास करना है। एसजेवीएन के अधिकारी एवं कर्मचारी राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रहे है और कार्यालयीन कामकाज के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन में भी इसे अंगीकृत कर रहे है।

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के दौरान आमंत्रित प्रतिष्ठित कवियों में पद्मश्री डॉ.सुनील जोगी, डॉ.सुमन दुबे, पवन आगरी, सुश्री बलजीत कौर तन्हा तथा विकास बौखल ने श्रृंगार एवं हास्यरस की कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवियों ने जहां एक ओर हास्य रस की रचनाओं प्रस्तुत कर सबकी तालिया बटोरी, वहीं दूसरी ओर सामाजिक संदेश से ओत-प्रोत प्रभावपूर्ण प्रस्तुतियों से श्रोताओं को प्रभावित किया। 

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