गोपेश्वर (चमोली)। ज्योतिषपीठ के शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी 1008 अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने बताया कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ज्योतिषपीठ की गद्दी पर बैठने के पचास साल पूरे होने जा रहे है। इस उपलक्ष में पूरे देश भर में 50 कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे और इसे स्वण ज्योति महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। जिसका आगाज आगामी 26 दिसम्बर से 28 दिसम्बर तीन दिनों तक जोशीमठ ज्योर्तिमठ में कार्यक्रम आयोजित कर किया जाएगा।
बुधवार को गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ज्योतिषपीठ पर अधिरोहण का यह 48वां वर्ष चल रहा है। दो साल बाद पचास साल पूरे हो जायेंगे। सभी लोगों ने राय रखी की इस उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए लेकिन सभी कार्यक्रम एक साथ संपन्न नहीं किये जा सकते थे इसलिए इन दो वर्षों में कार्यक्रम संपन्न करवाने की रूप रेखा तैयार की गई है। जिसका शुभारंभ 26 दिसम्बर को तीन दिवसीय कार्यक्रम के साथ जोशीमठ ज्योतिषपीठ से शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे देश ज्योतिषपीठ की ज्योति को ले जाकर स्थापित किया जाएगा और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार किया जाएगा। उन्होनंे बताया कि स्वर्ण ज्योति महोत्सव के माध्यम से लोगों का ध्यान भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित करते हुए लोक कल्याण के लिए किया जाएगा। इस दौरान जोशीमठ में एक आधुनिक गुरूकुल की स्थापना के साथ ही एक सौ बेड का चिकित्सालय भी खोला जाएगा जिसमें से 50 बेड गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज मध्यप्रदेश में है। 26 दिसम्बर को जोशीमठ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में वे आॅन लाइन इससे जुडेंगे। कोरोना काल को देखते हुए सीमित संख्या में लोगों को यहां पर आमंत्रित किया गया है। साथ ही दो वर्षों तक हर माह की द्वादशी पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें जिसका प्रसारण किया जाएगा।