गोपेश्वर (चमोली)। राज्य सरकार की ओर से पहाड़ी क्षेत्रों में उत्पादित सी ग्रेड के माल्टे का समर्थन मूल्य सात सौ रुपये कुन्तल तय कर लिया गया है। जबकि इन दिनों चमोली जिले के बाजारों में माल्टा खुले बाजार में 12 सौ रुपये कुन्तल बिक रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से समर्थन मूल्य तय करने के बाद काश्तकारों के सम्मुख ए और बी ग्रेड के माल्टों के विपणन में भी दिक्कते आने लगी हैं।
चमोली जिले में बड़े पैमाने पर काश्तकार माल्टे का उत्पादन करते हैं। जिसके लिये प्रतिवर्ष सरकार समर्थन मूल्य तय कर उद्यान विभाग की ओर से सी ग्रेड के माल्टे खरीदे जाते हैं। लेकिन सरकार की ओर से सी ग्रेड के माल्टों का मूल्य निर्धारण के बाद काश्तकारों को ए व बी ग्रेड के माल्टों की भी सही कीमत नहीं मिल पा रही है। इन दिनों जहां चमोली के खुले बाजारों में माल्टा करीब 12 सौ रुपये कुन्तल बिक रहा है। वहीं अब सरकार की ओर से माल्टे के सी ग्रेड का समर्थन मूल्य सात सौ रुपये कुन्तल तय किया गया है। जिससे व्यापारी ए व बी ग्रेड के माल्टों की खरीद भी सात सौ रुपये कुन्तल में करने की बात कही जा रही है। स्थानीय काश्तकार रघुनाथ सिंह रावत, मोहन सिंह नेगी व प्रदीप रावत का कहना है कि समर्थन मूल्य तय किये जाने से पूर्व बाजार में माल्टा 12सौ रुपये कुन्तल बिक रहा था। वहीं सरकार की ओर से सात सौ रुपये समर्थन मूल्य तय करने के बाद माल्टे के खरीददार समर्थन मूल्य का हवाला देते हुए सभी ग्रेड के माल्टों को सात सौ रुपये कुन्तल की दर से अधिक खरीदने को तैयार नहीं हैं। जिससे अब काश्तकारों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सरकार की ओर से सात सौ रुपये कुन्तल की दर सी ग्रेड माल्टे के लिये की गई है। समर्थन सी ग्रेड माल्टों की बिक्री न होने पर काश्तकार के नुकसान को कम करने के लिये की जाती है। यदि बाजार में ए व बी ग्रेड के माल्टे की बिक्री को लेकर काश्तकारों को दिक्कतें आ रही हैं, तो इसे दिखवाया जाएगा और काश्तकार को उपज की सही कीमत दिलवाने की व्यवस्था बनाई जाएगी।
तेजपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, चमोली।