गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले की नीती और माणा घाटी की अनुसूचित जनजाति के लोगों ने मुख्यमंत्री से शीतकालीन प्रवासों की भूमि उनके नाम दर्ज करने की मांग उठाई है। जनजाति के ग्रामीणों ने देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मामले में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने शीतकालीन प्रवासों पर भूमि उनके नाम दर्ज न होने से अधिग्रहण के चलते उनके भूमिहीन होने की भविष्य की चिंता की जानकारी दी।
बता दें चमोली जिले की भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में निवास करने वाली भोटिया जनजाति ग्रीष्मकाल में पीढियों से नीती और माणा के अपने पैत्रिक गांवों में निवास कर खेती करते हैं, वहीं शीतकाल में निचले इलाकों में प्रवास करते हैं। लेकिन वर्तमान तक शीतकालीन प्रवासों पर उनकी भूमि दस्तावेजों में उनके नाम दर्ज नहीं हो सकी है। जिससे अब निचले क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों के लिये भूमि अधिग्रहण में उन्हें सरकार की ओर से दिये जाने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे जनजाति के ग्रामीणों की भूमिहीन होने की स्थिति पैदा हो गयी है। ऐसे में जिले के जनजाति के ग्रामीण सरकार से शीतकालीन प्रवासों की भूमि को उनके नाम दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। मामले में मुख्यमंत्री की ओर से ग्रामीणों को शीघ्र नियमों के तहत कार्रवाई कर समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया गया है। इस मौके पर ग्राम प्रधान कागा-गरपक पुष्कर सिंह राणा, बैशाख सिंह रावत, नन्दन सिंह रावत आदि मौजूद थे।