जोशीमठ (चमोली)। देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद बदरीनाथ,केदारनाथ मंदिर समिति में तैनात 17 कर्मचारियों को हटाये जाने के मामले में पीड़ित कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मामले में सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग उठाई है। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर चार माह के मानदेय भुगतान और बोर्ड में समायोजन की मांग उठाई है। कर्मचारियों का कहना है कि बिना सूचना के कार्यमुक्त करने के बाद उनके सम्मुख आजीविका का संकट खड़ा हो गया है।

बता दें कि बीकेटीसी की ओर से वर्ष 2019-20 में विभिन्न गेस्ट हाउसों के साथ ही कार्यालय और मंदिर में 17 कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड के गठन से पूर्व तैनाती पर विवाद खड़ा हो गया। ऐसे में जहां बीकेटीसी के कर्मचारियों और अधिकारियों का देवस्थानम बोर्ड में समायोजन किया गया। वहीं बिना स्थिति स्पष्ट किये वर्ष 2019-20 में तैनात 17 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के नोटिस दिये बिना ही बीते अप्रैल माह में सेवा समाप्त कर दी गई। वहीं तैनात कर्मचारियों को जनवरी से अप्रैल माह तक की गई सेवाओं का मानदेय का भी वर्तमान तक भुगतान नहीं किया गया है। पूर्व में बीकेटीसी में तैनात रीना जोशी, ममता भट्ट और रेखा लखेड़ा का कहना है कि समिति की ओर से उन्हें विभिन्न स्थानों पर वर्ष 2019 में तैनाती के बाद अप्रैल 2020 में बिना किसी नोटिस के सेवा समाप्ति नोटिस दिये बिना ही हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अधिकारियों से मानदेय भुगतान और समायोजन की मांग को लेकर कई बार पत्राचार के बाद भी वर्तमान तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसे लेकर अब उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में राकेश पंत, बचन सिंह, सूरज नेगी, प्रशांत डिमरी, अमित देवराड़ी, सनोद डिमरी, आशीष खंडूरी, अंकिता सहित अन्य कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं।

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