सीएचसी जोशीमठ का नाम चिपको नेत्री गौरादेवी के नाम पर रखने की दी सहमति
जोशीमठ (चमोली)। गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख माडविया अपने तय कार्यक्रम के अनुसार जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र मलारी पहुंचे। जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मिलकर सरकार की योजनाओं के बारें में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ का नाम चिपको नेत्री गौरादेवी के नाम पर किये जाने पर भी अपनी सहमति दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मलारी पहुंचने पर नीती घाटी ग्राम प्रधान संगठन की ओर से भोजपत्र की माला पहनाकर उनका स्वागत किया साथ ही स्वयं सहायता समूहों की ओर से निर्मित पंखी, कोट तथा जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने आर्गेनिक पहाड़ी उत्पाद भेंट किया। स्थानीय महिलाओं ने पौण नृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होंने ग्राम वासियों से वार्ता करते हुए कहा कि आज में बद्री केदार की भूमि पर आप लोगों के बीच उपस्थित हुआ हंू जो पारम्परिक वेशभूषा, जीवन शैली से स्वागत किया उसका धन्यवाद किया। उन्होंने सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं पीएम आवास, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत के साथ साथ कोविड वैक्शीनेशन और फ्री राशन सहित बिजली पानी और मोबाइल क्नेक्टिीविटी की जानकारी ली।
मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सीमांत क्षेत्र में अच्छी सड़के, नेटवर्क क्नेक्विटी, बिजली पानी स्वास्थ्य सुविधाए बेहत्तर हुई है। हैल्थ एन्ड वेलनेस सेन्टर के माध्यम से हैल्थ सुविधा उपलब्ध कराई जाती है टैलीकन्शलटेन्सी के माध्यम से सीधे बडे डाक्टरों के माध्यम इलाज किया जाता है। सभी को आयुष्मान भारत का लाभ मिल रहा है। पीएम आवास मिल रहे हैं। लोगों का जीवन सरल बन रहा है सभी घरों में बिजली पानी उपलब्ध है। धीरे-धीरे पलायन कम हो रहा है। गावों में रोजगार के साधन बढाए जा रहे हैं वाइब्रेट विलेज के तहत ये सब प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के सरहदी क्षेत्र सचमुच वाईब्रेट विलेज बन रहे हैं। लोगों में हिमालय रेंज में एडवेंचर गेम्स की रुचि बढ़ रही है हमे उस तरफ काम करना है
उन्होंने कहा कि प्रयोग के तौर पर कीड़ा जडी की मंडी लगाने का सुझाव दिया जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरा देवी के नाम पर करने सहमति दी। उन्होंने कहा कि यहा मोबाइल क्नेक्टिीविटी में सुधार किया जाएगा। उन्होंने सीडीओ को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक जीवन उपयोगी तथा पर्यटन गतिविधियां बढाने के लिए कहा।
उसके बाद उन्होंने जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की। मुख्य विकास अधिकारी ने मलारी क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए यहां उगाई जाने वाली फसलों जडी बूटियों, सेब, राजमा से साथ साथ यहां पर विकास की संभावनाआंे की जानकारी दी। बताया कि वन विलेज वन प्रोडक्ट के तहत ऊनी वस्त्रों का निर्माण किया जाता है यहां फल पट्टी विकसित की जा रही है। कहा कि गेस्टहाउस के साथ मार्केटिंग सेंटर बनाया जाएगा।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों को विकसित करना, गांवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना है तथा समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव-एक उत्पाद की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण कृषि व्यवसायों का विकास करना। ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन की ओर से वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान बनाए गए हैं।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, सीएमओ डॉ. राजीव शर्मा, सीओ नताशा सिंह, मलारी के प्रधान मंगल सिंह, कागा के प्रधान पुष्कर राणा, 8वी वाहिनी आईटीबीपी के कमांडेंट हफीजुला सिद्दीकी तथा स्थानीय जनता मौजूद रही।