गोपेश्वर (चमोली)। भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य की गौरवमयी वीरगाथा ‘‘विजय दिवस’’ को चमोली जिले में धूमधाम से मनाया गया। जिला पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में 1971 युद्ध में भारत की विजय पर अमर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस एवं एनसीसी के जवानों ने अमर शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी।

विजय दिवस समारोह में अपर जिलाधिकारी डॉ.अभिषेक त्रिपाठी, जिला स्तरीय अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों एवं पूर्व सैनिकों ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके बलिदान को नमन किया और वीरांगनाओं को सम्मानित करते हुए देशवासियों को विजय दिवस की हार्दिक बधाई दी। इस दौरान जीआईसी और जीजीआईसी गोपेश्वर, सुबोध प्रेम विद्या मंदिर, कन्या विद्यालय नैग्वाड, आदर्श विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय गोपेश्वर तथा एनसीसी कैडेट्स ने देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों प्रस्तुति दी।

अपर जिलाधिकारी ने कहा कि देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए समर्पित सेना के जवानों और शहीदों पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है। आज का दिन हमें शहीदों के अदम्य साहस और बलिदान को स्मरण कराते हुए देश सेवा के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने सभी को अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए देश हित में अपना अहम योगदान देने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। इस दौरान उन्होंने शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं, परिजनों एवं पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर एनसीसी के सीओ कर्नल आनंद कुमार बिशनोई, जिला शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह रावत, जिला स्तरीय अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, शहीद सैनिकों के परिजन, भूतपूर्व सैनिक मौजूद रहे।

चमोली जिले के 49 सैनिक हुए थे युद्ध में शामिल

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल भास्कर बनर्जी(से.नि) ने कहा कि 1971 में इसी दिन भारत-पाक युद्ध में देश के वीर सैनिकों ने अदम्य शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मन देश के 93 हजार से अधिक सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया था। इस युद्ध में हमारे देश के 3843 सैनिकों ने शहादत दी थी। जिसमें उत्तराखंड राज्य से 248 तथा जनपद चमोली से 49 सैनिकों शामिल थे। वीर सैनिकों के अदम्य साहस और वीरता के लिए दो वीर चक्र और एक महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस युद्ध के परिणाम स्वरूप ही विश्व में एक नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ। सहायक जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी सुबेदार मेजर कलम सिंह झिंक्वाण (सेनि) ने कहा कि भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य दिखाते हुए दुश्मन सेना के हजारों सैनिकों को आत्मसमर्पण पर मजबूर किया।

ये हुए सम्मानित

विजय दिवस समारोह में मौजूद 1971 युद्ध के शहीद सैनिकों की वीरांगनाएं एवं परिजन रामेश्वरी देवी, सोबती देवी, सुलोचना देवी, कस्तूरवा देवी, तारा देवी, तैली देवी, जानकी देवी, सुमति देवी, मंगशीरी देवी, लखन सिंह, गोविन्द सिंह, राम प्रसाद सती, भगवती प्रसाद सती, कमलेश नेगी, शिवम नेगी, दलवीर सिंह, हरेंद्र सिंह, राधेश्याम गौड़ आदि को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्राथमिक विद्यालय गोपेश्वर ने प्रथम, सुबोध प्रेम विद्या मंदिर ने द्वितीय एवं आदर्श प्रेम विद्या मंदिर ने तृतीय पुरस्कार हासिल किया। विजय दिवस समारोह का संचालन शिक्षक अनूप खण्डूड़ी ने किया।

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!