गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के पोखरी विकास खंड में केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना 11 ग्राम पंचायतों में पेयजल निगम के लिये चुनौती बना हुआ है। यहां क्षेत्र में जहां इन दिनों विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर प्रथम चरण में ग्रामीण उपभोक्ताओं के पेयजल कनेक्शनों का संयोजन किया जा रहा है। वहीं क्षेत्र में पेयजल के प्राकृतिक जल स्रोतों की कमी योजनाओं के सुचारु संचालन को लेकर चुनौती बना हुआ है।

चमोली जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के प्रथम चरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जिसके लिये पेयजल निगम को आगामी 20 फरवरी तक जिले के सभी गांवों में पेयजल कनेक्शन संयोजन का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है। जिसके बाद यहां स्रोतों के ग्राम पंचायतों में तैयार वितरण लाइनों को जोड़ा जाएगा। ऐसे में विभाग की ओर पोखरी ब्लॉक के गांवों में भी इन दिनों युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। वहीं ब्लॉक के ब्राहमणथाला, विनगढ़, कुजासू, सिनाऊ तल्ला, सिनाऊं पल्ला, ढामक, सौड़ा-मंगरा, ऐरास, काण्डई और सलना गांवों के आसपास दूर-दूर तक प्राकृतिक जल स्रोत न होने से योजनाओं के संचालन को लेकर विभागीय अधिकारियों के सम्मुख चुनौती बनी हुई है। ब्लॉक प्रमुख प्रीति भंडारी भी जल जीवन मिशन के तहत क्षेत्र के गांवों पेयजल स्रोत न होने से योजनाओं के सुचारु संचालन को लेकर जिला पंचायत की बैठक में सवाल उठा चुकी हैं। हालांकि विभागीय अधिकारियों द्वारा यहां पंपिग योजना से पेयजल की आपूर्ति करने की बात कही जा रही है। जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार निगोल नदी में ग्रीष्मकाल में पानी का स्तर मांग के सापेक्ष कम होने की बात कही जा रही है।

 

 

पोखरी ब्लॉक में पेयजल स्रोतों की कमी वाली 11 ग्राम पंचायतों को चिंहित किया गया है। जिसके लिये यहां निगोल नदी से पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण जल जीवन मिशन योजना के द्वितीय चरण में किया जाएगा। जिसके लिये 15 करोड़ की योजना तैयार की गई है।

वीके जैन, अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम, गोपेश्वर-चमोली।

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