गोपेश्वर (चमोली)। पीपलकोटी क्षेत्र के 16 राज्य निर्माण आंदोलनकारी आज भी उपेक्षा के शिकार बने हुए है। उत्तराखंड राज्य का रजत जयंती समारोह हर तरफ धूमधाम से मनाया जा रहा है किंतु बंड पट्टी के 16 आंदोलनकारी प्रमाण पत्र बनाने को दर-दर भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री, सांसद तथा विधायकों और मंत्रियों से आश्वासन मिलते जा रहे हैं किंतु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे है। पृथक राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के महामंत्री अतुल शाह ने बताया कि राज्य निर्माण के दौरान बंड पट्टी के 25 गांवों के लोग आंदोलन में शामिल रहे। आंदोलनकारियों ने गिरफ्तारियां भी दी और दिल्ली जाते वक्त मुजफ्फरनगर कांड का भी शिकार हुए। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तरांचल राज्य का निर्माण हुआ। इसके बाद सरकार ने आंदोलनकारियों का चिह्निकरण किया किंतु बंड पट्टी के 16 आंदोलनकारियां को छोड़ दिया गया। बंड पट्टी के 34 आंदोलनकारियों में से 18 को ही प्रमाण पत्र दिए गए। इसके चलते यहां के आंदोलनकारी प्रमाण पत्र जारी न होने से नाराज चल रहे है। उन्होंने तत्काल छूटे हुए आंदोलनकारियों के प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है।
