रुद्रपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए दो बच्चों की बाध्यता है। दो बच्चों से अधिक बच्चों वाले चुनाव में दावेदारी पेश नहीं कर सकते हैं। बावजूद, कई लोगों ने जानकारी छुपाकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल। लेकिन, अब जांच के बाद कई मामलों में प्रधानों से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्यों तक की कुर्सी छिन चुकी है। ऐसा ही एक मामला ऊधमसिंह नगर जिले में भी सामने आया है। 2019 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत भमरौला की बीडीसी सदस्य को चार बच्चों की सूचना छिपाने पर हटा दिया गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य को अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दोबारा भागीदारी करने का मौका नहीं मिलेगा।
रुद्रपुर के ग्राम भमरौला के लोगों ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ी आभा सिंह की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए गए शपथपत्र की जांच की मांग की थी। पंचस्थानी चुनावालय के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने रुद्रपुर तहसीलदार व खंड विकास अधिकारी को संयुक्त रूप से जांच सौंपी थी।
जांच में सामने आया कि आभा सिंह की चार बच्चे हैं। ग्राम पंचायत भमरौला के परिवार रजिस्टर की नकल में भी उनके चार बच्चे दर्ज है। जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र पंचायत सदस्य के नामांकन पत्र में दो से अधिक जीवित संतान हैं के जवाब में नहीं का उल्लेख किया गया था, इस गलत जानकारी के आधार पर उनका नामांकन सही माना गया था, जो अब गलत पाया गया। उन्होंने बताया कि आभा सिंह ने उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 का उल्लंघन किया है। प्रत्युत्तर में भी आभा सिंह की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। सीडीओ आशीष भटगाईं की ओर से जारी पत्र में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन में पंचायतीराज अधिनियम का दोषी पाए जाने पर क्षेत्र पंचायत सदस्य आभा सिंह को पद से हटा दिया गया है।