गोपेश्वर (चमोली)। प्राथमिक शिक्षक संगठन (तदर्थ) के जिलाध्यक्ष दिगम्बर सिंह नेगी ने आरटीई के मानकों की अनदेखी को शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक बताया है। कहा कि कलस्टर विद्यालयों के जरिए आरटीई के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है।
यहां जारी एक वक्तव्य में नेगी ने कहा कि संविधान के 86 वें संशोधन के अनुच्छेद 21ए में छात्र को शिक्षा मौलिक अधिकार प्रदान किए गए है। यानि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी सरकार को दी गई है। उनका कहना है कि कलस्टर विद्यालयों के नाम पर छात्रों का मौलिक अधिकार छीना जा रहा है। यह छात्रों के साथ न्याय नहीं अपितु मजाक बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय मे कम से कम दो शिक्षकों की तैनाती का प्रावधान आरटीई में निहित है। इसके बावजूद कई विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह एक तरह से आरटीई का उल्लघंन है। कहा कि प्रत्येक एक किमी पर प्राथमिक विद्यालय होने का प्रावधान आरटीई में किया गया है। इसी तरह हर तीन किमी पर जूनियर, पांच किमी पर माध्यमिक तथा सात किमी पर इंटर कालेज होने जरूरी है। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले उत्तराखंड में तो आरटीई के प्रावधानों को हाशिए पर डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ कलस्टर विद्यालयों का विरोध करता रहेगा। इस व्यवस्था से बच्चों को कई किमी दूर पहुंचकर शिक्षा लेनी होगी। यह बच्चों के साथ क्रूर मजाक ही होगा।
