गोपेश्वर (चमोली)। शनिवार को सर्वाेदय केन्द्र गोपेश्वर में चार दिवसीय बर्ड वाचिंग कार्यक्रम के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि चमोली जनपद प्राकृतिक सुन्दरता के साथ वन्य जीव और पक्षियों की विविधता के लिए अपनी अलग पहचान रखता है। समय के साथ इसके जरिए रोजगार के बेहतर साधन तैयार किए जा सकते हैं।

केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग तथा सीपी भट्ट पर्यावरण विकास केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय बर्ड वाचिंग कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। इस Bird watching can become a better means of employmentअवसर पर जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण को सफलता पूर्वक पूरा करने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। उन्होंने कहा कि इसके जरिए हम अपनी आजीविका को बेहतर बना सकते हैं। इसके लिए समन्वित प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल युवाओं को आश्वतः किया कि इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि युवा अगर स्वप्रेरणा से इस दिशा में पहल करते हैं तो उन्हें बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिलाने में जिला प्रशासन हर समय मदद के लिए तैयार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीस से पच्चीस युवाओं के दल को हम जल्द ही प्रशिक्षित गाइड के रूप में तैयार कर सकते हैं। प्रशिक्षित गाइड को इस क्षेत्र में पहचान दिलाने के प्रयास भी किए जाने चाहिए। चाहे वह सामान्य गाइड हो या प्रकृति अवलोकन से जुड़ा गाइड हो उनका प्रयास होगा कि प्रशिक्षित को पहचान मिले। उसे आईकार्ड और अलग से पहचान की व्यवस्था कराई जाएगी। इससे जहां इस क्षेत्र में भ्रमण करने वाले पर्यटकों को बेहतर सेवा मिलेगी वही पहचान मिलने से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं की आजीविका भी सवरेगी। उन्होंने रूद्रनाथ क्षेत्र में जल्द ही इस दिशा में संगठनात्मक प्रयास करने हेतु ग्रामीणों के सहयोग एवं इको समितियों के माध्यम से पहल करने के लिए हर संभव सहायता देने का अश्वासन भी दिया।

दशोली ग्राम स्वराज्य संघ के अध्यक्ष मुरारी लाल ने इस कार्य के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। समापन समारोह में प्रशिक्षणार्थी रक्षिता शाह  तथा  राहुल बिष्ट ने चार दिन के अपने अनुभवों को शेयर किया। इस प्रशिक्षण के मुख्य गाइड रहे हरीश मैठाणी और प्रभात बिष्ट ने इसे व्यवस्थित रूप से किए जाने के लिए संस्थागत प्रयासों की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि अभयारण्य के आसपास के लोगों को इस कार्य से जोड़ने से दोनों मुददों जिसमें आजीविका और संरक्षण शामिल है के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के प्रबंध न्यासी ओमप्रकाश भट्ट ने किया।

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