थराली (चमोली)। जहां एक ओर सरकार कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित है वहीं चमोली जिले के नारायणबगड ब्लॉक के ग्राम पंचायत देवपुरी का आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्टाफ के ड्यूटी पर न आने के कारण शो पीस बना हुआ है। ग्रामीणों ने अपने इलाज के लिए 10 से 15 किलोमीटर दूर नारायणबगड जाना पड़ता है। ऐसे में विभाग की संवेदनशीलता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
ग्रामीण मनोज भण्डारी, रघुबीर भण्डारी, प्रीतम सिंह भण्डारी, नन्दन सिंह भण्डारी आदि का कहना है कि विभाग की ओर से वर्तमान में देवपुरी आयुर्वेदिक चिकित्साल में एक डॉक्टर, फार्मसिस्ट सहित एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो कि उपनल के माध्यम से तैनात है। लेकिन यहां पर तैनात डाक्टर को उन्होने कभी देखा ही नहीं है। यही हाल फार्मेसिस्ट का भी है। कभी कभार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आकर अस्पताल का ताला खोल जाता है। और कुछ देर रहने के बाद वह भी अस्पताल को बंद कर लौट जाता है। ग्रामीणों का स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 10 से 15 किलोमीटर दूर किमी दूर नारायण बगड प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाना पड़ता है। जिस कारण कई बार गंभीर रोगियों का प्राथमिक उपचार न मिलने के कारण रास्ते में दम तोड़ देते है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि कोरोना काल में भी देवपुरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय का कोई लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है।
इधर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सुनील कुमार रतूडी का कहना है कि इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से किसी प्रकार की उन्हें शिकायत नहीं मिली है यदि ग्रामीणों इस संबंध में लिखित शिकायत दर्ज कराई जाती है तो वे आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। और स्टाफ से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।