गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड के संस्कृत महाविद्यालयों के लिए शासन की ओर से जारी नये आदेश में संस्कृत महाविद्यालयों की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण से संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं छात्रों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिससे संस्कृत महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
श्री बदरीनाथ -केदारनाथ कर्मचारी संघ के पूर्व सचिव एवं वर्तमान वरिष्ठ सदस्य अरविन्द प्रकाश पन्त ने सरकार से अनुरोध किया है कि यथाशीघ्र संस्कृत महाविद्यालयों के लिए स्पष्ट शासनादेश जारी करें, जिससे शास्त्री, आचार्य कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का भविष्य प्रभावित न हो, साथ ही उन्होंने ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो संस्कृत विद्यालय 100 वर्षों से भी पहले से चल रहें है उन संस्कृत विद्यालयों की वित्तिय स्वीकृति वर्तमान सरकार पूर्वमध्यमा (कक्षा 10) एवं प्रथमा (कक्षा 8) की मान रही है। पूर्व से इन संस्कृत विद्यालयों से कार्यरत प्रधानाचार्य उत्तरमध्यमा (कक्षा 12) स्तर के वेतन ग्रेड 7600 पर नियुक्ति हुई है और सेवानिवृत्त हो गये हैं और कुछ प्रधानाचार्य 7600 ग्रेड पे ले रहे हैं। सरकार के की ओर से 16 अक्टूबर एवं 23 अक्टूबर 2023 को जो आदेश जारी किया है उसको शीघ्र वापस लिया जाय नहीं तो संस्कृत प्रेमियों एवं संस्कृत संगठनों को आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।