देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड के विभिन्न गांवों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना में हुए विद्युतिकरण में विभागीय जांच मे भारी अनिममित्ताये पाए जाने की पुष्टि हुई है। कार्यदायी संस्था पर रिकवरी और भविष्य में संस्था से कार्य नहीं कराने की संस्तुति दी गई है।
देवाल विकास खंड के विभिन्न गांवों के तोको को विद्युतिकरण के लिए 27 करोड़ का टेंडर मेयर्स फैब्रिको इंडिया लिमिटेड मेरठ के नाम वर्ष 2017-18 से हुआ। विकास खंड के 67 तोको में 7621 खंभों के साथ विद्युत लाइन बिछाई जानी थी।
आरटीई कार्यकर्ता पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य रविन्द्र सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री पोटल पर ग्राम ज्योति योजना में हुए घोटालों की जांच की मांग उठाई, वहीं पूर्व छात्र नेता महाबीर बिष्ट ने भी इस पूरे प्ररकण की जांच के लिए लगातार प्रयास किया। जनप्रतिनिधियों ने कार्यदायी संस्था और बिजली विभाग की मिलीभगत से कार्य पूर्ण नहीं करने, कई स्थानों पर लाइन को पेड़ों पर बांधने, पूराने खंभों को गाड़ने, लाइन झूलने, कई गांव के प्रधानों से फर्जी कार्यपूर्ति का प्रमाण पत्र लगाने का आरोप लगाए है। जिस पर विभागीय जांच बिजली विभाग के आभिशासी अभियंता विनीत सक्सेना को सौंपी गई। जांच अधिकारी ने जांच में पाया कि कार्यदायी संस्था की ओर से किए गए कार्य मानको के अनुरूप नहीं होने, अपूर्ण गुणवत्ता रहित, भारी अनियमितता पाई है। कार्यदायी संस्था पर मुल्यांकन कर रिकवरी करने के लिए संस्तुति रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल कर्णप्रयाग को भेजी है, वहीं जनप्रतिनिधियों ने कहा कि कार्यदायी संस्था पर कारवाई की है लेकिन जो विभागीय अधिकारी संलिप्त हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।