गोपेश्वर (चमोली)। खेल प्रतिभाओं को मंच देने के लिये भले ही सरकारों की ओर से खेल महाकुंभ जैसे अभियानों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन चमोली में शासन और प्रशासन के खेल के प्रति प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिले में खेल विभाग की ओर से महज गोपेश्वर में स्पोट्र्स स्टेडियम का संचालन किया जा रहा है। जबकि पोखरी में निर्माणाधीन खेल मैदान का वर्तमान तक निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। वहीं पीपलकोटी और जोशीमठ में प्रस्तावित खेल मैदानों के प्रस्ताव फाइलों बंद पड़े हुए हैं। जिसके चलते यहां खेल प्रतिभाएं खेतों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं
चमोली जिले ने जहां राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी दिये हैं। वहीं यहां नई प्रतिभाओं को निखारने के लिये सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिले में जोशीमठ, पीपलकोटी और पोखरी ब्लॉक मुख्यालयों पर वर्षों से खेल मैदान प्रस्तावित हैं। लेकिन शासन और प्रशासन की सुस्त कार्य प्रणाली के चलते खेल मैदानों का निर्माण नहीं हो सका है। बल्कि जोशीमठ और पीपलकोटी में प्रस्तावित मिनी स्टेडियमों के निर्माण का जिम्मा खेल विभाग से युवा कल्याण विभाग को सौंप दिया गया है। वहीं जिले के एकमात्र जिला मुख्यालय पर मौजूद स्पोट्र्स स्टेडियम गोपेश्वर का भी एक हिस्सा करीब एक दशक से क्षतिग्रस्त पडा हुआ है। ऐसे में यहां ब्लॉक स्तर पर शिक्षा विभाग या खेल महाकुंभ अभियान जैसी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन खेतों में करवाया जा रहा है। वहीं स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट भी खेतों में फसल की कटाई के बाद आयोजित किये जाते हैं। स्थानीय निवासी सतेंद्र कुमार, राजवीर सिंह और रघुवीर का कहना है कि ब्लॉक स्तर पर खेल मैदानों की कमी के चलते जहां स्कूली खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिये छात्र-छात्राओं को मीलों की दूरी नापनी पड रही हैं। वहीं खेलों के अभ्यास के लिये कोई व्यवस्था नहीं है।
क्या कहते हैं अधिकारी
चमोली जिले में पोखरी में मिनी स्पोट्र्स स्टेडियम का बीते माह निदेशालय की टीम द्वारा निरीक्षण कर बजट आंवटन का आश्वासन दिया गया है। जिसके लिये पत्राचार किया जा रहा है। वहीं जोशीमठ और पीपलकोटी में प्रस्तावित खेल मैदानों के निर्माण का जिम्मा युवा कल्याण विभाग को सौंपा गया है।
गिरीश कुमार, जिला क्रीडा अधिकारी, चमोली।