कर्णप्रयाग (चमोली)। चमोली जिले के कर्णप्रयाग नगर पंचायत की ओर से निर्मित गो सदन का भवन खतरे की जद में आ गया है। यहां भवन के निचले हिस्से में बना पुस्ता एक बरसात भी नहीं झेल सका और पुस्ता दरकने से 11 लाख 78 हजार की लागत से बना गौ सदन का भवन भी खतरे की जद में आ गया है। जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और पालिका की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं।
बता दें कि नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग की ओर से चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से नगर के आवारा पशुओं के लिए में 11 लाख 78 हजार की लागत से गौ सदन का निर्माण वर्ष 2019-2020 में किया। कुछ माह पूर्व ही यहां भवन का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। लेकिन बीते दिनो हुई बारिश से भवन के निचले हिस्से में बना पुस्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे अब भवन को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय निवासी हरीश प्रसाद और जीतेंद्र का कहना है कि पालिका की ओर से भवन का निर्माण असुरक्षित भूमि पर किया गया है। यहां पूर्व में मलबे का ढेर था, जिस पर पालिका प्रशासन की ओर से लाखों की सरकारी धनराशि खर्च कर भवन बना दिया गया है। जो अब क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में है। जिससे पालिका प्रशासन की ओर से किये जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नगर में निर्मित गौ सदन के निर्माण कार्य का पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है। पुस्ता क्षतिग्रस्त होने के बाद भवन निर्माण करने वाले ठेकेदार को क्षतिग्रस्त पुस्ते के निर्माण के निर्देश दिये गये है। क्षतिग्रस्त पुस्ते के निर्माण के बाद ठेकेदार का भुगतान किया जाएगा।
अंकित राणा, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, कर्णप्रयाग।