गोपेश्वर (चमोली)। बदरीनाथ वन प्रभाग के वन क्षेत्र में वनकर्मी अब सुगमता से वन्य जीवों की निगरानी कर सकेंगे। वन प्रभाग की ओर से वन्य जीवों पर निगरानी के लिये ड्रोन कैमरे को अपने उपकरणों के जखीरे में जोड़ लिया है। विभाग की ओर से इस सफल ट्रायल कर लिया गया है। जिससे अब सुगमता से निगरानी के साथ ही कर्मचारियों का कार्य बोझ भी कम हो सकेगा।
चमोली जिले में वन सम्पदा और वन्य जीवों के संरक्षण के लिये सरकार की ओर तीन वन प्रभाग व एक राष्ट्रीय पार्क की स्थापना की गई है। जिनमें से बदरीनाथ वन प्रभाग में एक लाख 34 हजार 645 हेक्टयर वन क्षेत्र को संरक्षित वन क्षेत्र में रखा गया है। लेकिन उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के चलते यहां वन कर्मियों को चट्टानी और दुरुह पहाड़ियों निवास करने वाले वन्य जीवों की निगेहबानी में खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। जिसे देखते हुए वन प्रभाग की ओर से अब अपने उपकरणों में करीब सवा लाख की लागत से डीजी मविक एयर दो ड्रोन कैमरा जोड़ लिया है। इसकी क्षमता 10 किलोमीटर तक आधे घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने की है। ऐसे में अब वनकर्मी एक स्थान से ही 10 किलोमीटर की परिधि के इलाके में आवश्यकता के अनुसार निगेहबानी कर सकेंगे। वनकर्मियों के अनुसार ड्रोन के उपयोग से जहां वन्य जीवों की निगरानी का कार्य सरलता से किया जा सकेगा। वहीं चट्टानी हिस्सों में वनाग्नि लगने के साथ ही वन्य जीवों की गणना का कार्य भी सरलता से किया जा सकेगा।
चमोली जिला मध्य हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। इन भौगोलिक परिस्थितियों में वन्य जीवों की निगरानी करने के लिये कर्मचारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। जिसे देखते हुए उपकरण मद से ड्रोन कैमरे की खरीद की गई है। जिसका ट्रायल कर लिया गया है। इसके उपयोग और लाभ को देखते हुए ड्रोन की संख्या बढाने की योजना बनाई जाएगी।
आशुतोष सिंह, डीएफओ, बदरीनाथ वन प्रभाग, गोपेश्वर-चमोली।