गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक के बड़ागांव में आयोजित पांच दिवसीय फल प्रसंस्करण प्रशिक्षण के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि उप प्रभागीय वनाधिकारी शीशपाल सिंह रावत ने कहा कि छोटे-छोटे लघु उद्योगों को लगाकर ही महिलाऐं आत्मनिर्भर हो सकती है।

नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क और जय नंदादेवी स्वरोजगार शिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में महिला समूहों के लिए चलाये गये पांच दिवसीय फल प्रसंस्करण प्रशिक्षण का रविवार को समापन हो गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप प्रभागीय वनाधिकारी ने कहा कि हम अपने दैनिक जीवन की उपयोग के लिए खाद्य उत्पादन स्वयं कर सकते हैं और हमें फलों के उत्पादन पर भी ध्यान देना होगा और उनके फल प्रसंस्करण की विधि को जानना भी आवश्यक है।  जिससे हम अपने फलों को लंबे समय तक संरक्षित तो नहीं रख सकते है। साथ ही जूस, जैली, अचार, मुरब्बा के रूप में संरक्षित रखकर खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक छोटा सा प्रयास था की स्थानीय ग्रामीणों को लघु उद्योग आधारित प्रशिक्षण देकर आजीविका बढ़ाया जाए। जिससे महिलाओं की आय बढे। इस अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक कलावती शाह ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि कमजोर वर्ग के महिलाएं अपना उद्यम शुरू कर सकें। जिससे की वह रोजगार से जुड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत भी इस तरह के कार्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं। यदि लोग अपना उद्यम शुरू करते हैं तो  इस उत्पाद को बाजार मिल सकता है। इस अवसर पर जोशीमठ रेंज अधिकारी गौरव नेगी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से लोग आत्मनिर्भर हो सकते हैं। पहाड़ों में प्राकृतिक संसाधन पर आधारित लघु उद्योग धंधे ही विकसित हो सकते हैं। प्रशिक्षण में दीपा देवी, करिश्मा देवी, रामबरी देवी, संगीता देवी, गीता देवी, मंजू देवी, गुंजन देवी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेखा देवी आदि ने भाग लिया।

 

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