-जून 2013 की आपदा के बाद स्थानांतरित किया गया उप कोषागार

-11 वर्षों से जमीन भी नहीं खोज पाया कोषागार

– विद्यालय परिसर से संचालित होने से शिक्षण कार्य हो रहा प्रभावित

संजय कंडारी

नारायणबगड (चमोली )। जून 2013 की आपदा के दौरान नारायणबगड़ क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ था। इसी दौरान नारायणबगड़ में स्थित उप कोषागार भी आपदा की भेंट चढ़ गया था। जिसके बाद तात्कालिक व्यवस्था के लिए उप कोषागार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय नारायणबगड़ के तीन कमरों को अस्थाई व्यवस्था के लिए दिया गया था, लेकिन आपदा के 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी उप कोषागार वर्तमान तक भी विद्यालय के भवन पर कुंडली मार कर बैठा है। जिससे शिक्षण कार्य तो प्रभावित हो ही रहा है।

आपदा के 11 वर्ष बीत गये है लेकिन अभी तक उप कोषागार के लिए भवन तैयार नहीं किया गया है। और न ही भवन बनाने के लिए जमीन की तलाश की गई है। आय दिन पेंशन धारकों एवं अन्य लोगों दिन भर उप कोषागार में आने से यहां पर लोगों की भीड भी बढ़ जाती है जिससे बच्चों की पढाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।  विद्यालय परिसर में बीआरसी का भवन होने के कारण भी लोगों का लगातार बीआरसी कार्यालय में आना-जाना रहता है जिस कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय नारायणबगड़ में लगातार छात्र संख्या बढ़ रही है। विद्यालय में वर्तमान में 102 छात्र शिक्षणरत हैं लगातार छात्र संख्या बढ़ाने के कारण छात्रों को कमरों की संख्या कम पड़ रही है।

पीटीए अध्यक्ष पुरनचंद सती का कहना है कि उनकी ओर जिलाधिकारी, शिक्षा मंत्री, जनता दरबार, जिला विधिक सेवा शिविर, विधायक को कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में उप कोषागार एवं बीआरसी होने के कारण लगातार लोगों का आना जाना रहता है बच्चों की पढई में व्यवधान हो रहा है। साथ ही शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने शीघ्र ही उप कोषागार को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की मांग की है।

खंड शिक्षा अधिकारी खुशाल सिंह टोलिया ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। पीटीए और विभाग की ओर से उच्च अधिकारियों को सूचना भेजी जा चुकी है। उप कोषागार की ओर से जमीन को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।

उपकोषाधिकारी नारायणबगड़ जितेंद्र उपाध्याय ने कहा कि इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है। एक-दो स्थानों पर जमीन भी देखी जा चुकी है, लेकिन अभी जमीन फाइनल नहीं हुई है।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक पुनीत सती का कहना है कि विद्यालय में लगातार छात्र संख्या बढ़ने से हमारे पास उपलब्ध कमरों की संख्या कम पड़ती जा रही है। विद्यालय की ओर से एक कमरा बीआरसी कार्यालय का भी लिया गया है। कमरों की संख्या कम होने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
                   
                                                         

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!