गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की मंशा से भले ही आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित किये हैं। लेकिन इन चिकित्सालयों में कर्मचारियों की कमी के चलते चिकित्सालयों का संचालन चुनौती बना हुआ है। ऐसे में सरकार के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधा के दावे चमोली जिले में हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।

बता दें, चमोली जिले में सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में 83 आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित किये गये हैं। जिनके संचालन के लिये जिले में 87 चिकित्सकों के पद सृजित किये गये हैं। लेकिन वर्तमान में जिले में महज 33 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। जिनमें से तीन व्यवस्था पर बाहरी जनपदों में सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही चिकित्सालयों में सृजित 83 फार्मासिस्ट के पदों के सापेक्ष महज 67 की तैनाती की गई है। वहीं जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्साधिकारी का पद बीते फरवरी माह से रिक्त पड़ा हुआ है। जबकि अपर जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी का पद भी रिक्त चल रहा है। जिसके चलते प्रभारी अधिकारी के भरोसे विभाग का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से किये जा रहे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

 

विभाग में रिक्त चिकित्सकों व फार्मसिस्ट के पदों के साथ ही पदोन्नति पर तबादले के बाद भी जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्साधिकारी के पदों के रिक्त होने की जानकारी उच्चाधिकारियों का दी गई है। चिकित्सकों व फार्मसिस्ट की तैनाती निदेशालय स्तर से की जानी है।

एसके रतूड़ी, प्रभारी जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्साधिकारी, चमोली।

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