गोपेश्वर (चमोली)।  अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग के सहयोग से नवज्योति महिला कल्याण संस्थान ने जोशीमठ विकास खंड के सरपंचों, काश्तकारों तथा ग्रामीणों को हिमाचल क्षेत्र में भ्रमण करवा कर नगदी फसलों के बारे में जानकारी दिलाई।

जोशीमठ रेंज के विभिन्न गावों के काश्तकारों को ने हिमाचंल प्रदेश के डा. यशवंत सिंह परमार विश्वविधालय सोलन में आजीविका संचालन को आगे बढ़ाने के लिये महत्पूर्ण टिप्स लेने के साथ ही यहां के काश्तकारों की ओर से की जा रही नगदी फसलों के उत्पादन की जानकारी प्राप्त की। जोशीमठ रेंज के विभिन्न गावों के ग्रामीणों को कीवी उत्पादन मार्केटिंग की स्थिति को जानने तथा सेब उत्पादन की मूलभूत जानकारियां, फल विज्ञान, कृषि वानिकी, प्राकृतिक संसाधन के साथ ही तमाम विषयों पर बारीकी से जानकारी र्वज्ञानिकों ने दी। जोशीमठ क्षेत्र के ग्रामीणों ने वैज्ञानिकों से चारधाम यात्रा के तहत  बाहरी देशों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को अपने क्षेत्र की नगदी फसलों को बेचकर कैसे आजीविका संचालित की जा सकती है के बारें में जानकारी हासिल की। विश्वविधालय के प्रवक्ता डा. विशाल राणा ने सेब की जैनोमेन, रेडलम के बारे में काश्तकारों को बताते हुए कहा कि जोशीमठ का क्षेत्र पूरी तरह सेब से आच्छादित रहता है। यहां के काश्तकारों को अच्छी किस्म के पोधों को रोपण कर आजीविका के क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होनें काश्तकारों को अन्य प्रजातियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सेब के साथ-साथ चीड़ की पत्तियों के डिजायन, फूल के पौधों से मालाएं तैयार करने, तथा जंगली पौधों की पत्तियों से डिजायन के साथ ही अन्य काश्तकारी के मामले में जानकारी दी। उन्होनें कहा कि उत्तराखंड क्षेत्र के लोग चारधाम यात्रा पर आने वाले लोगों से आजीविका संचालित कर सकते हैं। इस मौके पर हरीश सिंह, विनय सिंह गबर लाल, हरजीत सिंह, राहुल नेगी, कमला देवी, चंदा देवी, चंद्रमोहन, सुखबीर सिंह आदि शामिल थे।

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