गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले के बिरही में अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग की ओर से कैट प्लान के तहत ग्रामीणों की आजीविका बढ़ाने के लिए स्थानीय उत्पाद से निर्मित विभिन्न पेय और खाद्य सामग्री बनाने का सात दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हो गया है।

नवज्योति महिला कल्याण संस्थान की ओर से ग्रामीण की आजीविका संवर्द्वन के लिये क्षमता विकास प्रशिक्षण के लिये द्वींग, बौला दुर्गापुर, गौणा, पाणा ईराणी, रैतोली, गडोरा, सल्ला रैतोली के वन पंचायत संरपचों एवं ग्रामीणों को अपने घरो के आसपास पायी जाने वाली सामाग्रियों से अचार, जूस बनाने तथा चीड़ के पेड़ों से पायी वाले छितंरो से घरेलू सजावट की सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  मुख्य प्रशिक्षिका गीता नेगी ने काश्तकारों विभिन्न जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि गांव का काश्तकार बाजार से कुछ सामाग्री खरीदकर अपने घरों में ही अचार, जैम, जैली, तथा विभिन्न प्रकार जूस बना सकते हैं। उन्होंने कि हमारे गावों में कई प्रकार की सामाग्री हैं जिससे कि जूस, अचार तथा जैम जैली बनाई जा सकती है। संस्था के सचिव महानंद बिष्ट ने कहा कि सरकार ने ग्रामीणों को आगे लाने के लिये कई योजनायें सचालित की हैं इन योजनाओं के जरिये अपनी क्षमता को बढ़ाकर आजीविका के क्षेत्र में कई कार्य किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र चारधाम यात्रा से भी जुड़ा हुआ है, इसलिये काश्तकार अपनी क्षमता को बढ़ाकर आजीविका संचालित कर सकता है। समन्यवक पायल बिष्ट ने कहा कि ग्रामीणों को अपने गांव के विकास तथा क्षेत्र के विकास के लिये आगे आने की जरूरत है। इस मौके पर द्वींग के सरपंच अरविंद सिंह, पाणा के संरपच शंकर िंसह, ज्योति पंवार, स्मिता बिष्ट, नीता बिष्ट, महेद्र सिंह रावत, नंदनी राणा, राजेश्वरी देवी, सबर सिंह, पंकज सिंह, प्रदीप कुमार अनुरागी आदि मौजूद थे।

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